प्लॉट की रजिस्ट्री पर लोनः प्रक्रिया, सावधानी और फायदे
क्या आप जानते हैं कि आपकी प्लॉट और उससे जुड़े दस्तावेज आपके लिए एक कानूनी दस्तावेज के रूप में आपके काम आ सकते हैं। इसकी मदद से आप बहुत ही आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं। जी हां, प्लॉट की रजिस्ट्री पर लोन(Loan against property: LAP ) लेना संभव है। इसकी मदद से आप अपनी कई सारी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
क्या होता है प्लॉट की रजिस्ट्री पर लोन?
भारत में अगर प्लॉट की रजिस्ट्री पर लोन की बात आती है तो इसे दो तरह से देखा जाता है। एक होता है प्लॉट लोन (जमीन खरीदने के लिए) और प्रॉपर्टी के बदले लोन (संपत्ति को गिरवी रख कर लोन) दोनों ही लोन में अंतर है तो चलिए सबसे पहले इस ब्लॉग की मदद से इन दोनों विकल्पों को विस्तार से समझते हैं।
प्लॉट लोन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर लोन में अंतर
सं | प्लॉट लोन | प्रॉपर्टी के बदले लोन |
1. | खाली जमीन खरीदने के लिए लोन मिलता है। | अपनी संपत्ति को गिरवी रख कर लोन लेते हैं। |
2. | लोन की रकम का इस्तेमाल जमीन खरीदने के लिए होता है। | लोन की रकम का इस्तेमाल किसी भी काम के लिए कर सकते हैं। |
3. | इसमें ब्याज दर ज्यादा लगता है। | प्लॉट लोन की तुलना में यहां ब्याज दर कम लगता है। |
प्लॉट रजिस्ट्री पर लोन के फायदेअगर आपको तत्काल धन की आवश्यकता है तो यह विकल्प आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।धन का उपयोग आप किसी निजी उपयोग के लिए कर सकते हैं। जैसेः बच्चों की उच्च शिक्षा, शादी, चिकित्सा इत्यादि।अगर आप कोई व्यवसाय करना चाहते हैं तो भी यह लोन आपके लिए एक अच्छा सौदा है।इस लोन की मदद से आप अपने छोटे-छोटे कर्जों का निपटान कर सकते हैं। पात्रता प्रॉपर्टी के बदले लोन (LAP) के लिए पात्रता मानदंड प्लॉट लोन से थोड़ा अलग होती है। यहां आपको हम कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं के बारे में बताने जा रहे हैः भारतीय नागरिकताः आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए। आयुः उधारकर्ता की आयु न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 65 वर्ष होनी चाहिए। आयः इसके लिए वेतनभोगी, व्यवसायी और पेंशनभोगी आवेदन दे सकते हैं। क्रेडिट स्कोरः लोन लेने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर का होना जरूरी है। एक आदर्श क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक होता है। सह-आवेदकः अगर प्रॉपर्टी पर एक से अधिक लोगों का मलिकाना हक है तो सभी सह-मालिकों को सह-आवेदक के रूप में आवेदन पर हस्ताक्षर करना होगा। जरूरी दस्तावेज संपत्ति के कागजातः इन दस्तावेजों को वित्तीय संस्थान के पास सुरक्षा डीड के रूप में जमा किया जाता है। सेल डीडः यह एक तरह का खरीद-फरोख्त से जुड़ा कानूनी प्रमाण होता है। केवाईसी दस्तावेजः पहचान प्रमाण पत्र (आधार, पैन, पासपोर्ट) और पता प्रमाण पत्र। आय का प्रमाणः वेतनभोगियों के लिए पिछले 6 से 12 महीने की वेतन पर्ची और स्वरोजगार वालों के लिए नवीनतम आईटीआर, लाभ और हानि विवरण, बैलेंस शीट, व्यापार लाइसेंस, बैंक स्टेटमेंट इत्यादि की जरूरत होती है। इन बातों का भी रखें ध्यान यहां ध्यान रखने की जरूरत है कि प्लॉट लोन जमीन खरीदने के लिए लिया जाता है जबकि, संपत्ति के बदले लोन पहले से स्वामित्व वाली रजिस्टर्ड संपत्ति को गिरवी रखकर किसी वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए लिया जाता है। ग्रामीण होम लोन के मामले में सरकार के तरफ से आपको सब्सिडी मिलती है। लेकिन, LAP के मामले में सरकार की तरफ से कोई सब्सिडी या योजना के तहत छूट नहीं दी जाती है। ऐसे में जालसाजों से सतर्क रहने की जरूरत है।लोन के लिए आवेदन करने से पहले विभिन्न वित्तीय संस्थनों के द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों, लोन की अवधि, प्रोसेसिंग फीस, पात्रता मानदंड और आवश्यक दस्तावेज के बारे में जानकारी हासिल कर लें।इस तरह के मामले में जरूरी है कि आप किसी वित्तीय सलाहकार से सुझाव लें और इसके बाद ही फैसला करें। ताकि, किसी बड़ी परेशानी में पड़ने से बच सकें। ग्रामीण होम लोन और प्रॉपर्टी के बदले लोन लेने में फर्क होता है। अगर आप किसी ग्रामीण प्रॉपर्टी के बदले लोन लेने की सोच रहे हैं तो यह लोन भी LAP की श्रेणी में आएगा। |